Helping The others Realize The Advantages Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Helping The others Realize The Advantages Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Blog Article
वाराही शाबर मंत्र
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना के दौरान यही उर्जा सीधे सामने वाले पर असर करती है.
वशीकरण मंत्र: मानवीय संबंधों पर प्रभाव
विधि: शनिवार की रात्रि में इस मन्त्र का एक सौ एक जप करें। मन्त्रजप के समय घी का दीपक जलता रहे। गुग्गुल की धूनी दें तथा पुष्प और मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। फिर उस मिठाई को मन्त्र से अभिषिक्त करके जिसे भी खिला देंगे, वह वशीभूत होकर कहना मानने पर बाध्य हो जाएगा।
हां, यदि सही विधि और इरादे के साथ किया जाए तो यह प्रभावी हो सकता है।
ॐ नमो आदेश गुरु को कामरु देश कामाक्षा देवी तहाँ बैठे इस्माइल जोगी, जोगी के आँगन फूल क्यारी फूल चुन-चुन लावे लोना चमारी फूल चल फूल-फूल बिगसे फूल पर बीर नरसिंह बसे जो नहीं फूल का विष कबहुं न छोड़ें मेरी आस मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना की ही अलग अलग विधि का प्रयोग अलग अलग मकसद से किया जाता है. आमतौर पर मोहन मंत्र साधना का प्रयोग अपने व्यक्तित्व को इतना आकर्षक और चुम्बकीय बना लिया जाता है की इच्छित माध्यम देखते ही मोहित हो जाए.
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, वशीकरण मंत्रों का उपयोग दिल की शुद्धि और सत्य के साथ किया जाता है। यह मन की शक्तियों को जगाने का कार्य करता है और व्यक्ति को उच्च आदर्शों, स्वभाव के साथ और सच्ची इच्छा के साथ जीने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार, वशीकरण मंत्र व्यक्ति के मन को उनकी उच्चतम प्राप्ति की ओर प्रेरित करने में सहायता कर सकता है।
विधिः एक छोटी इलायची पर इस मन्त्र का दल माला जप करें और इस अभिमन्त्रित इलायची को अभीष्ट स्त्री को खिला दें। इससे उसका वशीकरण हो जाएगा। website फिर वह आपकी हरेक बात मानने को बाध्य होगी। मन्त्र में अमुकी की जगह उस स्त्री का नाम बोलना आवश्यक है।
इस मंत्र का प्रयोग सिर्फ एक बार में एक व्यक्ति पर ही सिद्ध होता है.
मोहन वशीकरण मंत्र का प्रभाव चुम्बकीय है इसलिए इसके जरिये हम मनचाही महिला या लड़की को मोहित कर सकते है.
अगर आप प्रेमी प्रेमिका है तो आपको कुछ सावधानी रखनी चाहिए.
ॐ नमो अरिहताणं। अरे अरिणी मोहिनी। ‘अमुकी’ मोहय मोहय स्वाहा।
पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।